यही अवसर लगहु सहाय महेश वारे !!
नहिं कुछ ज्ञान वुद्धि हमरे है नहि सत संग सहारे !
पिंगल कोष भाग्य नहिं जानत प्रभु एक महेश अधारे !! महेश !! १
नहिं हरि भजन पुकारि कहौं यह जानत है संसारे !
सब तजि आस करोँ तुम्हरी प्रभु तुम दीनन के हित कारे !! महेश !!२
तुम्हरे जोर फॉग हम गावत राखहु लाज हमारे !
नहिं तो हंसी होय यहि अवसर यह हसन योग प्रण धारे !! महेश !!३
हमरो पति तुम हाथ गजानन नहिं बूड़त हौं मज धारे !!
सत्य देव द्विज आस करत अस नाम सुमंगल कारे !! महेश !!४