टेसू के भई टेसू के, टेसू खूब मचाये शोर |
उड़ गए तीतर रह गए मोर, सड़ी डुकरिया लै गए चोर
चोरन के जब खेती भई, खाय डुकटटो मोटी भई।
टेसू की गय्या हाय रे दैय्या , अस्सी डला भुष खाय |
बड़े ताल को पानी पिए, हगन बटेश्वर जाय |
उड़ गए तीतर रह गए मोर, सड़ी डुकरिया लै गए चोर
चोरन के जब खेती भई, खाय डुकटटो मोटी भई।
टेसू की गय्या हाय रे दैय्या , अस्सी डला भुष खाय |
बड़े ताल को पानी पिए, हगन बटेश्वर जाय |
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आगरे की गैल में छोकरी सुनार की, भूरे भूरे बाल उसकी नथनी हजार की
अपने महल में ढोलकी बजाती, ढोलकी की तान अपने यार को सुनाती
यार का दुपटटा साड़े सात की निशानी, देखो रे लोगो वो हो गई दिवानी।
अपने महल में ढोलकी बजाती, ढोलकी की तान अपने यार को सुनाती
यार का दुपटटा साड़े सात की निशानी, देखो रे लोगो वो हो गई दिवानी।
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टेसू रे टेसू घंटा बजइयो,
एक नगरी नौ गाम बसइयो।
बस गई नगरी बस गए मोर,
हरी चिरैया को ले गए चोर।
मेरा टेसू रंग-बिरंगा,
इसने भांग खाई है।
मां कहे मेरा उत्तर-पुत्तर,
बहन कहे मेरा भाई है।
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