ऊधो मैंने सब कारे आजमाए।
कारे केस जतन सों राखे, इतर फुलेल लगाए,
वे कारे नहीं भए आपने, श्वेत रूप दरसाए ॥1॥
ऊधो मैंने सब कारे आजमाए।
कोयल के सुत कागा पाले, हित सों नेह लगाए,
वे कारे नहीं भए आपने, अपने कुल को धाए ॥2॥
ऊधो मैंने सब कारे आजमाए।
कारे नाग पिटारिन पाले, हित सों दूध पिलाए,
वे कारे नहीं भए आपने, दाँव पड़े डस खाए ॥3॥
ऊधो मैंने सब कारे आजमाए।
कारे भ्रमर नेह सों राखे, न्योत पराग चखाए,
वे कारे नहीं भए आपने, आन फूल पे धाए॥4॥
ऊधो मैंने सब कारे आजमाए।
कारे कान्ह हिया में राखे, निसदिन लगन लगाए,
वे कारे नहीं भए आपने, कुब्जा पे भरमाए ॥5॥
ऊधो मैंने सब कारे आजमाए।
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