सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

देसी भजन : बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया ?

बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,

बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया ।


सत् भांमा रुक्मण के जैसी लूगाई,

राधे के साथ कैसे जोड़ी बनाई,

बोल कान्हा बोल....

बोल कान्हा बोल तू नादान कैसे हो गया,

बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,


ब्याह जिसे लाया वो गूहाई तेरी रानी,

बिना ब्याहे राधा कहाए महारानी,

बोल कान्हा बोल....

बोल कान्हा बोल ये सम्मान कैसे हो गया,

बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,


राणी-पटराणी सारी हाजिरी बजावै,

राधे महारानी तुझपे रोब्ब जमावै,

बोल कान्हा राधे का....

बोल कान्हा राधे का गुलाम कैसे हो गया,

बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,


तस्वीर बिवियों की कोने में पड़ी है,

जितने मंदिर राधे बगल में खड़ी है,

बोल कान्हा बोल....

बोल कान्हा बोल ये विधान कैसे हो गया,

बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,


राणी-महारानी का लेंता नहीं नाम है,

डंके की चोट कहें राधा मेरी जान है,

फिर भी भक्त तेरा....

फिर भी भक्त तेरा यें जहां कैसे हो गया,

बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,


जिसने भी प्यार किया वो ही बदनाम है,

प्रेमिका के साथ तेरी चार गुनी शान है,

झूठा सारा वेद....

झूठा सारा वेद और पुराण कैसे हो गया,

बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,


हक़ ज्यादा राधे का क्यूँ है बता दे,

राधे से कहना पड़े श्याम से मिला दे,

इतना बनवारी.....

हां.. इतना बनवारी मेहरबान कैसे हो गया,

बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,


बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,

बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया



इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

फाग गीत चौताल - हमरे उर ऊपर हाथ धरो जिनि प्यारे !!

हमरे उर ऊपर हाथ धरो जिनि प्यारे !! काल्हि करार कियो सेजिया पर झुलनी वनी सकारे ! सो विसराय दिहो तुम बालम,अब नाहक हाथ पसारे !!धरो !!१  कंठ हार हुवेल विजायठ भूषन धरो लिलारे ! यह गहना हमका नहिं भावत इत से उठि जाव दुवारे !धरो !!२  यह जोवना हम बड़े जतन से पाला प्राण पियारे ! सो तुम्हें मलत दरद नहिं आवत ,मोरे कोमल अंग विगारे !धरो !!३ फरक रहो गले वाह न डारो न छुवो वदन हमारे ! द्विज छोटकुन झुलनी विन बालम ,मुख चूमे कौन प्रकारे !धरो !!४

होली भजन : मैंने सब कारे आजमाए !

ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे केस जतन सों राखे, इतर फुलेल लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, श्वेत रूप दरसाए ॥1॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कोयल के सुत कागा पाले, हित सों नेह लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, अपने कुल को धाए ॥2॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे नाग पिटारिन पाले, हित सों दूध पिलाए, वे कारे नहीं भए आपने, दाँव पड़े डस खाए ॥3॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे भ्रमर नेह सों राखे, न्योत पराग चखाए, वे कारे नहीं भए आपने, आन फूल पे धाए॥4॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे कान्ह हिया में राखे, निसदिन लगन लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, कुब्जा पे भरमाए ॥5॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। ------------- हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

फाग गीत चौताल - सुमिरों शंकर शैलानी बड़े वर दानी !!

सुमिरों शंकर शैलानी बड़े वर दानी !! डूडा बैल ताहि पर आसन साथे सती  भवानी ! मुंड मॉल गले माहि विराजत नागिन उर  में लपटानी !!बड़े !!१  भाल में भस्म चन्द्रमा शोभित शीश गंग लहरानी ! गेरू रंग अंग पटराजित जाके तीनों नयन जगजानी !!बड़े !!२  चूर धतूर गरल लै घोटत खात भांग शिवदानी ! डमरू गाल बजावत आवत गौरा लखि रूप लोभानी !!बड़े !!३  सव देवन में देव बड़े हैं महादेव सुखदानी ! सिव प्रसाद चरण रज चाहत सुनि लीजै गरीब की वानी !!बड़े !!४