सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

होली फाग : गणेश वंदना

मनाऊँ हो, हम प्रथम गणेश मनाऊँ। 

गौरी पुत्र गणेश सदा तेरे, चरनन शीश नवाता हूँ। 

सब देवों में देव बड़े हो, प्रथम ही तुम्हें मनाता हूँ। 

सोई भईया रे ! आज सलामी गढ़पति प्यारे। 

प्यारे ही गुण गाऊँ हो, हम प्रथम गणेश मनाऊँ। 


मनाऊँ हो, हम प्रथम गणेश मनाऊँ। 


लंबोदर गजबदन विनायक गणपति नाम तुम्हारे हैं। 

टेर सुनो वरदायक स्वामी, हम आधीन तुम्हारे हैं।  

सोई भईया रे ! सदा भरोसो हमको स्वामी। 

बार बार सिर नाऊँ हो, हम प्रथम गणेश मनाऊँ। 


मनाऊँ हो, हम प्रथम गणेश मनाऊँ। 


एकदन्त तुम दयावन्त दीनों की विपदा टारि है।  

माथे पर सिंदूर विराजे, मूसे की सवारी है। 

सोई भईया रे ! वनफूल व धुप चढ़ाते। 

आरती दीप जलाऊँ हो, हम प्रथम गणेश मनाऊँ। 


मनाऊँ हो, हम प्रथम गणेश मनाऊँ। 


फल-मेवा  लौंग-सुपारी गणपति तुम्हें सुहाते हैं। 

सेवा सदा संतजन करते लडुअन भोग लगते हैं।

सोई भईया रे ! खेतपाल सिंह आज सभा में।

सबको शीश नावऊँ हो, हम प्रथम गणेश मनाऊँ।


मनाऊँ हो, हम प्रथम गणेश मनाऊँ।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

फाग गीत चौताल - हमरे उर ऊपर हाथ धरो जिनि प्यारे !!

हमरे उर ऊपर हाथ धरो जिनि प्यारे !! काल्हि करार कियो सेजिया पर झुलनी वनी सकारे ! सो विसराय दिहो तुम बालम,अब नाहक हाथ पसारे !!धरो !!१  कंठ हार हुवेल विजायठ भूषन धरो लिलारे ! यह गहना हमका नहिं भावत इत से उठि जाव दुवारे !धरो !!२  यह जोवना हम बड़े जतन से पाला प्राण पियारे ! सो तुम्हें मलत दरद नहिं आवत ,मोरे कोमल अंग विगारे !धरो !!३ फरक रहो गले वाह न डारो न छुवो वदन हमारे ! द्विज छोटकुन झुलनी विन बालम ,मुख चूमे कौन प्रकारे !धरो !!४

होली भजन : मैंने सब कारे आजमाए !

ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे केस जतन सों राखे, इतर फुलेल लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, श्वेत रूप दरसाए ॥1॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कोयल के सुत कागा पाले, हित सों नेह लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, अपने कुल को धाए ॥2॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे नाग पिटारिन पाले, हित सों दूध पिलाए, वे कारे नहीं भए आपने, दाँव पड़े डस खाए ॥3॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे भ्रमर नेह सों राखे, न्योत पराग चखाए, वे कारे नहीं भए आपने, आन फूल पे धाए॥4॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे कान्ह हिया में राखे, निसदिन लगन लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, कुब्जा पे भरमाए ॥5॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। ------------- हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

फाग गीत चौताल - सुमिरों शंकर शैलानी बड़े वर दानी !!

सुमिरों शंकर शैलानी बड़े वर दानी !! डूडा बैल ताहि पर आसन साथे सती  भवानी ! मुंड मॉल गले माहि विराजत नागिन उर  में लपटानी !!बड़े !!१  भाल में भस्म चन्द्रमा शोभित शीश गंग लहरानी ! गेरू रंग अंग पटराजित जाके तीनों नयन जगजानी !!बड़े !!२  चूर धतूर गरल लै घोटत खात भांग शिवदानी ! डमरू गाल बजावत आवत गौरा लखि रूप लोभानी !!बड़े !!३  सव देवन में देव बड़े हैं महादेव सुखदानी ! सिव प्रसाद चरण रज चाहत सुनि लीजै गरीब की वानी !!बड़े !!४