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Bhadawari Faag | मतवारि हो हे गई नारि मतवारि |

मतवारि हो हे गई नारि मतवारि

मतवारि हो हे गई नारि मतवारि 

होत प्रदर्शन रोज देश में, नारि बढ़ें अंगरी है 

मोहे प्रगति कछु दिखत, फैशन की भरमारि है 

अंग-अंग खुल रहे देह के,अब नीचे सरकत सारि 

 

मतवारि हो हे गई नारि मतवारि

मतवारि हो हे गई नारि मतवारि 

कोई घरे करे कछु काम काज , नेतागिरि भारि है 

कोई बालक बिलख रहे खटिंयन पै, आया ही महतारीं है 

कोई इहाँ-उहाँ डोले गलियन मैं, अब बढ़ी वासना भारि

 

मतवारि हो हे गई नारि मतवारि

मतवारि हो हे गई नारि मतवारि 

कोई गर्भपात की करि छूट, संसद ने नीति बिगारी है 

कोई वैश्यवृति को वैद्य करो, अब ये आवाज़ निकारि है 

कोई कैसे होएँगी सती देश में, अब यही सोच मोहे भारि 

 

मतवारि हो हे गई नारि मतवारि

मतवारि हो हे गई नारि मतवारि

कोई जितनी छूट मिली तिरियन को, उतनो ही व्यवचारा है 

कोई कहें यदुवीर कह गए तुलसी, पहलें ही सोच विचारा है 

कोई ढोल ग्वार शूद्र पशु नारि, जे ताड़न के अधिकारि 

 

मतवारि हो हे गई नारि मतवारि

मतवारि हो हे गई नारि मतवारि


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