वर आये हैं गौरा तुम्हारे बड़े सेलानी।
भूत पिशाच संग ले आये, बोलत बम बम बानी।
जेहि देखो तेहि अशुभ भेष घरे, तेहि संग न एक निशानी बढ़े सैलानी ॥१॥
वर आये हैं गौरा तुम्हारे बड़े सेलानी।
आपु सवार बयल ढूँड़े पर, जटा गंग अरुझानी।
चंद्रमाल गर मुंडमाल लसे, दोड कर नागिन लपटानी बड़े सैलानी ॥२॥
वर आये हैं गौरा तुम्हारे बड़े सेलानी।
भांग धतूर चूर ले फोकत, महिमा जात न जानी।
मातु पिता पुर लोग शोच वश मुनि गोरि हृदय हरपानी बड़े सैलानी ॥३॥
वर आये हैं गौरा तुम्हारे बड़े सेलानी।
गई बरात द्वारके चारे, लखि सब नारि परानी।
द्विज भगीरथ शम्भु शम्भु भजु भोलेबाबा बड़े वरदानी बड़े सैलानी ॥४॥
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