साधो यह तन ठाठ तम्बूरे का।
खोज करो इन घर कारे यह तन ठाठ तम्बूरे का।।
पाँच तत्व से बना तम्बूरा तार लगा नव तूरे का।।
खैचत तार मरोरत खूँटी निकसत राग हजूरे का।।
टूट गया तार बिखर गई खूँटी हो गया धूरम धूरे का।।
इस देह का गर्व न कीजे उड़ गया हंस तम्बूरे का।।
कहत कबीर सुनो भाई साधो अगम पंथ कोई सूरे का।।
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