वर आऐ हैं गौरा तुम्हारे
वर आऐ हैं गौरा तुम्हारे, बड़े सैलानी।
भूत पिचास संग लै आये, बोलत बम बम बानी ।
जेहि देखो तेहि अशुभ भेष धरे ।।
तेहि संग न एक निशानौ, बड़े सैलानी ।
आपु सवार बैल है पर जटा गंग अरू झानी।
चन्द्र भाल गले मुंहमाल लसे ।।
दोउ कर नागिन लिपटानी, बड़े सैलानी ।
भाँग धतूर चर लै फाँकत, महिमा जात न जानी।
मात पिता पयर लोग सोच वश ।।
सुनि गौरी हृदय हरशानी, बड़े सैलानी।
गई बरात द्वार के चारे, लखि सब नारी परानी ।
द्विज भागीरथ शम्भु शम्भु भजु ।।
भोला बाबा बड़े वरदानी, बड़े सैलानी।
उलारा
गिरिजापति खेलै होरी हो, गिरिजापति खेलै होरी हो।
भसम अंग सिंर गंग बिराजे, जटा मुकुट लट फेरी हो।
बाये अगं जग जन्नी भवानी, नाचै योगिनि घेरी हो।
बाधंबर पीताम्बर ओढ़े, शेशनाग लपटोरी हो ।
चंद्रभाल सोहे कपाल पर, देखि चकित भइ गोरी हो ।।
गिरिजापति खेलै होरी हो......
गिरजे सैन दियौ सखियन को, लै गुलाल रंग दौड़ी हो।
देखि सरूप शीश भयो नीचे, महाँदेव कहँ हेरी हो ।
कानन वाके कुन्डल सोहे, हाथ त्रिशूल लियोरी हो।
श्रृगीनाद बजाये रिझावत, गंगादास कर जोरी हो ।।
गिरिजापति खेलै होरी हो..
(ठाकुर भीम सिंह)