सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

फाग भजन : वर आऐ हैं गौरा तुम्हारे

 वर आऐ हैं गौरा तुम्हारे

वर आऐ हैं गौरा तुम्हारे, बड़े सैलानी।

भूत पिचास संग लै आये, बोलत बम बम बानी ।

जेहि देखो तेहि अशुभ भेष धरे ।।


तेहि संग न एक निशानौ, बड़े सैलानी ।

आपु सवार बैल है पर जटा गंग अरू झानी।

चन्द्र भाल गले मुंहमाल लसे ।।


दोउ कर नागिन लिपटानी, बड़े सैलानी ।

भाँग धतूर चर लै फाँकत, महिमा जात न जानी।

मात पिता पयर लोग सोच वश ।।


सुनि गौरी हृदय हरशानी, बड़े सैलानी।

गई बरात द्वार के चारे, लखि सब नारी परानी ।

द्विज भागीरथ शम्भु शम्भु भजु ।।


भोला बाबा बड़े वरदानी, बड़े सैलानी।


उलारा

गिरिजापति खेलै होरी हो, गिरिजापति खेलै होरी हो।

भसम अंग सिंर गंग बिराजे, जटा मुकुट लट फेरी हो।

बाये अगं जग जन्नी भवानी, नाचै योगिनि घेरी हो।

बाधंबर पीताम्बर ओढ़े, शेशनाग लपटोरी हो ।

चंद्रभाल सोहे कपाल पर, देखि चकित भइ गोरी हो ।।

गिरिजापति खेलै होरी हो......


गिरजे सैन दियौ सखियन को, लै गुलाल रंग दौड़ी हो।

देखि सरूप शीश भयो नीचे, महाँदेव कहँ हेरी हो ।

कानन वाके कुन्डल सोहे, हाथ त्रिशूल लियोरी हो।

श्रृगीनाद बजाये रिझावत, गंगादास कर जोरी हो ।।

गिरिजापति खेलै होरी हो..

(ठाकुर भीम सिंह)

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

फाग गीत चौताल - हमरे उर ऊपर हाथ धरो जिनि प्यारे !!

हमरे उर ऊपर हाथ धरो जिनि प्यारे !! काल्हि करार कियो सेजिया पर झुलनी वनी सकारे ! सो विसराय दिहो तुम बालम,अब नाहक हाथ पसारे !!धरो !!१  कंठ हार हुवेल विजायठ भूषन धरो लिलारे ! यह गहना हमका नहिं भावत इत से उठि जाव दुवारे !धरो !!२  यह जोवना हम बड़े जतन से पाला प्राण पियारे ! सो तुम्हें मलत दरद नहिं आवत ,मोरे कोमल अंग विगारे !धरो !!३ फरक रहो गले वाह न डारो न छुवो वदन हमारे ! द्विज छोटकुन झुलनी विन बालम ,मुख चूमे कौन प्रकारे !धरो !!४

होली भजन : मैंने सब कारे आजमाए !

ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे केस जतन सों राखे, इतर फुलेल लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, श्वेत रूप दरसाए ॥1॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कोयल के सुत कागा पाले, हित सों नेह लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, अपने कुल को धाए ॥2॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे नाग पिटारिन पाले, हित सों दूध पिलाए, वे कारे नहीं भए आपने, दाँव पड़े डस खाए ॥3॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे भ्रमर नेह सों राखे, न्योत पराग चखाए, वे कारे नहीं भए आपने, आन फूल पे धाए॥4॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे कान्ह हिया में राखे, निसदिन लगन लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, कुब्जा पे भरमाए ॥5॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। ------------- हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

फाग गीत चौताल - सुमिरों शंकर शैलानी बड़े वर दानी !!

सुमिरों शंकर शैलानी बड़े वर दानी !! डूडा बैल ताहि पर आसन साथे सती  भवानी ! मुंड मॉल गले माहि विराजत नागिन उर  में लपटानी !!बड़े !!१  भाल में भस्म चन्द्रमा शोभित शीश गंग लहरानी ! गेरू रंग अंग पटराजित जाके तीनों नयन जगजानी !!बड़े !!२  चूर धतूर गरल लै घोटत खात भांग शिवदानी ! डमरू गाल बजावत आवत गौरा लखि रूप लोभानी !!बड़े !!३  सव देवन में देव बड़े हैं महादेव सुखदानी ! सिव प्रसाद चरण रज चाहत सुनि लीजै गरीब की वानी !!बड़े !!४