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होली फाग : भवानी हो घट के पट खोल भवानी

भवानी हो घट के पट खोल भवानी 

ऊँचे शिखर विराजे मईया सोने के सिहासन पे 

पंडा करे आरती मईया, भजन करें नित आसान पे 

सोइ मईया री, सोइ जननी री

राक्षस दल कों हनि महारानी, अब कर रहीं तू मनमानी 


भवानी हो घट के पट खोल भवानी 

मनोकामना पूरण करनी तू जग की तारण करनी 

शुम्भ निशुम्भ हरे जगदम्बा पुत्र पछाड़ दिया

सोइ मईया री, सोइ जननी री

कौरव दल कों को अनाथ करो है अब बनी पंडन पटरानी 


भवानी हो घट के पट खोल भवानी 

गिरजा वन की कैलाशी को बहुत ही नाच नचायो है

सीता बन की रावण को तूने सर्वनाश करवायो है

सोइ मईया री, सोइ जननी री

लखिया वन में राजा नल के अब संग लड़ी मर्दानी 


भवानी हो घट के पट खोल भवानी 







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