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फाग भजन के लिखित बोल : अब तौ रामध्वजा फहरानी

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Faag Sumarni : फाग सुमरनि

 फाग सुमरनि  माता सूरसती सिर नाई, बसो हिये आई। दोऊ कर जोड़ विनय करूँ तुमसे, बसो कंठ पर आई। गौरी के पुत्र गणेश को सुमिरो। भूले अक्षर देव बताई, बसो हिये आई। पारब्रह्म ब्रह्मा को सुमिरो, सृष्टि दीन्ह बनाई। सुमिरन करूँ धरती माता का हो। माता दुर्गा को शीश नवाई, बसो हिये आई। नृप दशरथ का सुमिरन करके, सुमिरो राम की माँई, राम लखन सीया सुमिरन करके। हनुमान को लेव मनाई,बसो हिये आई। महादेव देवन के देवा उनको शीश नवाई। सब देवन का सुमिरन करके। ‘हिम्मत’ कहते सिर नाई, बसो हिये आई। उलारा स्वर दीजे आए, वीणा वादिनी माता। रचियेता स्वर्गीय हिम्मत राम शर्मा, फ़िजी 

Holi Faag Lyrics : ऐसी कर्मन की गति न्यारी

 टेक : ऐसी कर्मन की गति न्यारी कर्म वश  केकई ने माँगि लए वरदान  कर्म के प्रताप राजा दशरथ छोडे प्राण  कर्म फल देने गए मिटि जात सम्मान  कर्म के प्रताप राजा राम गए बनवास सीता को हरन भयौ  भूल गए भूख-प्यास  कर्म के प्रताप राजा रावण कौ भयो नाश  सोने की लंक पंजारी, ऐसी कर्मन की गति न्यारी।  कर्म प्रताप राजा हरिश्चन्द्र दियौ दान  राजा सुत रानी तीनो काशी कियौ प्रस्थान काशी में बिके है तीनो भूलि गए कुल-खान कर्म के प्रताप जाइ मंगी के भरौ है नीर  एक जे टका के पीछे फाड़ लियौ आधौ चीर  कौनु है मिटइया ऐसे कर्म के लिखै कौ वीर  भई सब तराँ ख्वारी, ऐसी कर्मन की गति न्यारी।  कर्म के प्रताप पांडु पुत्र हारे धन-धाम द्रौपदी कौ चीर खींचौ बहुत भए बदनाम  बारह बर्ष वन रहे भीख माँगि गाम-गाम कर्म के प्रताप राजा नल पै विपति आई माँगे नाइ भीख मिली भूलि गरे ठकुराई तेली की हूँ पारि हॉकी कीरति जहान गाई  परि गयौ कर्म पिछारी, ऐसी कर्मन की गति न्यारी।  कर्म की डोरि फैली बाँध गयौ संसार कर्म की नीयति ताहि भोगि रहे नर नारि सुख दुख फल सोतौ कर्म के हू अनुसार जैसे जाकै कर्म तैसो फल ताने लियौ पाई  कर्म को त्यागे काहू काम कौ रहैगो न

Bhadawari Faag | मतवारि हो हे गई नारि मतवारि |

मतवारि हो हे गई नारि मतवारि मतवारि हो हे गई नारि मतवारि   होत प्रदर्शन रोज देश में , नारि बढ़ें अंगरी है   मोहे प्रगति कछु न दिखत , फैशन की भरमारि है   अंग - अंग खुल रहे देह के , अब नीचे सरकत सारि     मतवारि हो हे गई नारि मतवारि मतवारि हो हे गई नारि मतवारि   कोई घरे करे कछु काम काज न , नेतागिरि भारि है   कोई बालक बिलख रहे खटिंयन पै , आया ही महतारीं है   कोई इहाँ - उहाँ डोले गलियन मैं , अब बढ़ी वासना भारि   मतवारि हो हे गई नारि मतवारि मतवारि हो हे गई नारि मतवारि   कोई गर्भपात की करि छूट , संसद ने नीति बिगारी है   कोई वैश्यवृति को वैद्य करो , अब ये आवाज़ निकारि है   कोई कैसे होएँगी सती देश में , अब यही सोच मोहे भारि     मतवारि हो हे गई नारि मतवारि मतवारि हो हे गई नारि मतवारि कोई जितनी छूट मिली तिरियन को , उतनो ही व्यवचारा है   कोई कहें यदुवीर कह गए तुलसी , पहलें ही सोच विचारा है   कोई ढोल ग्वार शूद्र पशु नारि , जे ताड़

Bhadawari Faag : मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला | पारंपरिक होली लिरिक्स | देहाती होली गीत Lyrics

मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला कोई खाड भरो बैलन पर दीखे, मीलन लो बछड़ा भारी कोई बदन-बाह में घोडा-गधह, खिच्चर की पाँतें नियरी कोई यहाँ उहाँ नरियन थरियन पै ऊठन को ठकठेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला कोई भारी मंडी लगी हींग कहुँ चकिया चक्का अटूट धरे कोई कम्बर दरी विसरातिन कहूँ ईंगुर के ढेर भरे कोई कहुँ ठठेरे बेच रहे हैं लोटा थरिया बेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला कोई साधु संत कहूँ एकठोरे कहूँ भिखमंगन के डेरा कोई लोग कहूँ सड़कन पै घूमें कहूं लुगाइन के घेरा कोई कहे यदुवीर भीड़ अति भारी, है रहो रेलमपेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला कोई उलटी धार बहे जमुना की विसरातिन को घेरा है कोई सौ मंदिर जहाँ बने अनौखे, घण्टा शंख मज़ीरा है कोई बिटिया से लरका कर दीनों, शंकर जी को खेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला कवि / लेखक - श्री यदुवीर सिंह भदौरिया गांव - शिवनगर कोरथ दोस्तों, कृपया सभी भाई मेरे इस चेनल को सब्सक्राइब करना न भूले और घन्टी को ज

होली भजन : मैंने सब कारे आजमाए !

ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे केस जतन सों राखे, इतर फुलेल लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, श्वेत रूप दरसाए ॥1॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कोयल के सुत कागा पाले, हित सों नेह लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, अपने कुल को धाए ॥2॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे नाग पिटारिन पाले, हित सों दूध पिलाए, वे कारे नहीं भए आपने, दाँव पड़े डस खाए ॥3॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे भ्रमर नेह सों राखे, न्योत पराग चखाए, वे कारे नहीं भए आपने, आन फूल पे धाए॥4॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। कारे कान्ह हिया में राखे, निसदिन लगन लगाए, वे कारे नहीं भए आपने, कुब्जा पे भरमाए ॥5॥ ऊधो मैंने सब कारे आजमाए। ------------- हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

Holi Faag Geet : दिगम्बर खेले मसाने में होरी !

खेले मसाने में होरी दिगम्बर खेले मसाने में होरी -२  भूत पिशाच बटोरी भूत पिचाश बटोरी दिगम्बर खेले मसाने में होरी खेले मसाने में होरी दिगम्बर खेले मसाने में होरी लखि सुन्दर फागुनी छटा को -२  मन से रंग गुलाल हटा दो -२  चिता भसम भरि झोरी हो चिता भसम भरि झोरी ! दिगम्बर खेले मसाने में होरी  खेले मसाने में होली दिगम्बर खेले मसाने में होरी  गोप न गोपी श्याम न राधा-२  ना कोई रोक ना कौनौ बाधा | ना साजन ना गोरी # ना साजन ना गोरी दिगम्बर खेले मसाने में होरी खेले मसाने में होरी दिगम्बर खेले मसाने में होरी नाचत गावत डमरूधारी-२  छोड़े सर्प गणन पिचकारी पी के प्रेत ढपोरी हो ! पी के प्रेत ढपोरी दिगम्बर खेले मसाने में होरी खेले मसाने में होली दिगम्बर खेले मसाने में होरी भूतनाथ की मंगल होरी-3 देख सिहाई बिरज की छोरी धन-धन नाथ अघोरी हो ! धन-धन नाथ अघोरी दिगम्बर खेले मसाने में होरी खेले मसाने होरी दिगम्बर खेले मसाने में होरी खेले मसाने में होरी दिगम्बर खेले मसाने में होरी - ५  Subscribe our youtube channel