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Bhadawari Faag | मतवारि हो हे गई नारि मतवारि |

मतवारि हो हे गई नारि मतवारि मतवारि हो हे गई नारि मतवारि   होत प्रदर्शन रोज देश में , नारि बढ़ें अंगरी है   मोहे प्रगति कछु न दिखत , फैशन की भरमारि है   अंग - अंग खुल रहे देह के , अब नीचे सरकत सारि     मतवारि हो हे गई नारि मतवारि मतवारि हो हे गई नारि मतवारि   कोई घरे करे कछु काम काज न , नेतागिरि भारि है   कोई बालक बिलख रहे खटिंयन पै , आया ही महतारीं है   कोई इहाँ - उहाँ डोले गलियन मैं , अब बढ़ी वासना भारि   मतवारि हो हे गई नारि मतवारि मतवारि हो हे गई नारि मतवारि   कोई गर्भपात की करि छूट , संसद ने नीति बिगारी है   कोई वैश्यवृति को वैद्य करो , अब ये आवाज़ निकारि है   कोई कैसे होएँगी सती देश में , अब यही सोच मोहे भारि     मतवारि हो हे गई नारि मतवारि मतवारि हो हे गई नारि मतवारि कोई जितनी छूट मिली तिरियन को , उतनो ही व्यवचारा है   कोई कहें यदुवीर कह गए तुलसी , ...

Bhadawari Faag : मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला | पारंपरिक होली लिरिक्स | देहाती होली गीत Lyrics

मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला कोई खाड भरो बैलन पर दीखे, मीलन लो बछड़ा भारी कोई बदन-बाह में घोडा-गधह, खिच्चर की पाँतें नियरी कोई यहाँ उहाँ नरियन थरियन पै ऊठन को ठकठेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला कोई भारी मंडी लगी हींग कहुँ चकिया चक्का अटूट धरे कोई कम्बर दरी विसरातिन कहूँ ईंगुर के ढेर भरे कोई कहुँ ठठेरे बेच रहे हैं लोटा थरिया बेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला कोई साधु संत कहूँ एकठोरे कहूँ भिखमंगन के डेरा कोई लोग कहूँ सड़कन पै घूमें कहूं लुगाइन के घेरा कोई कहे यदुवीर भीड़ अति भारी, है रहो रेलमपेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला कोई उलटी धार बहे जमुना की विसरातिन को घेरा है कोई सौ मंदिर जहाँ बने अनौखे, घण्टा शंख मज़ीरा है कोई बिटिया से लरका कर दीनों, शंकर जी को खेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला मेला हो चल देखो बटेश्वर मेला कवि / लेखक - श्री यदुवीर सिंह भदौरिया गांव - शिवनगर कोरथ दोस्तों, कृपया सभी भाई मेरे इस चेनल को सब्सक्राइब करना न भूले और घन्टी को ज...